दुख का काँटा ना चुबे

दुख का काँटा ना चुबे.......
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जिन्होंने काँटे कंकड़ों को अपना दुश्मन मान लिया, उन्होंने सारी ज़िंदगी उन्हे रास्ते से हटाने,उनसे झगड़ने में गँवा दी। जो इस रहस्य को देख सके कि समस्या काँटे कंकड़ में नही, उनसे होनेवाली चुबन से है, उन्होंने खोज कर  चुबन-ग्राहकता से मुक्त होने का  राज जान लिया।
- अरुण

Comments

Ankur Jain said…
गंभीर चिंतन।।।

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