तटस्थ, समाधिस्थ एव्हरेस्ट

अटूट संकल्प,अडिग आत्मविश्वास और प्रयत्नों की पराकाष्ठा करते हुए एव्हरेस्ट की चोटी तक पहुँचनेवाले, विजय-भाव से ओतप्रोत हुए होंगे । वहाँ विजय पताका फहराते उनकी छाती गर्व से फूल गयी होगी ।
यह देखकर एव्हरेस्ट क्या महसूस करता होगा ?
तटस्थ, समाधिस्थ खड़ा एव्हरेस्ट आदमी की नादानियों पर बड़े ही निष्कटभाव से हंस लेता होगा,... पूछता होगा.... विजय?.. किसकी?...किसपर?
- अरुण

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