तात्पर्य गीता अध्याय ९

तत्व भूलकर वस्तु से, अपना मोह लगाय /

मन की चुसनी चूसता आत्मबोध ना पाय //

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कण कण में ईश्वर भरा ऐसा भाव जगात /

क्षण क्षण खुद ओझल करे ईश्वर ही हो जात //

................................................ अरुण

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