केवल पेड दिखे, पत्ते नही
बीज फला और पेड बन कर उभरा
परन्तु मै केवल देख पाया
पेड को ही, पत्तों को नही
समय के गुजरते कुछ दिनों के बाद,
अचानक पत्ते दिखे
पर पेड लुप्त हुआ दृष्टि से
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ऐसा होने से मैंने समझा
पेड और पत्ते दो भिन्न बातें हैं
ठीक वैसे ही
जैसे मै जन्म को मृत्यु से भिन्न समझता हूँ
मै देख नही पाता कि
जन्म में ही मृत्यु और मृत्यु में जन्म है
.................................................................... अरुण
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