तात्पर्य गीता अध्याय १०

ॠषि मुनि सब चूकते, समझ न पाया वेद /
पूर्ण समर्पित भक्त में, बचा न कोई भेद //

टहनी छोटी या बड़ी, पत्ते गिनता कौन /
पेड दिखा अब बीज में, ध्यान बने तब मौन //
…………………………………… अरुण

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