संबंधों की नाजुकता
दो लोगों के बीच में
होनेवाले लेनदेन (transcations)
को आपसी सम्बन्ध कहते हैं
यह लेनदेन एक दूसरे के बीच
परस्पर बनी
धारणाओं से फलतें हैं
इन सम्बब्धो की नाजुकता को
ठेस न पहुंचे इस बात की जिम्मेदारी
दोनों पक्षों की होती है
उदाहरण के लिए
बाप की जिम्मेदारी है कि
वह यह देखे
कि वह कहीं अपने बच्चों पर
अनावश्यक
बोझ तो नही बन रहा
और उसी समय
बेटों-बेटियों को इस बात का ख्याल
रखना होगा कि उनके पिता कहीं किसी
जायज अपेक्षाओं से वंचित तो नही हो रहे हैं
.............
बाप यह कभी न समझें कि उनकी हिफाजत
बेटे-बेटियों का कर्तव्य है और
बेटे-बेटी यह न समझें कि
पिता को सम्भालकर वह कोई उपकार
या कोई बहुत बड़ा बोझ ढो रहे हैं
परस्पर परिपूरक समझ जरूरी है
................................................................ अरुण
Comments