अस्तित्व की एकात्मकता
“वर्षा होने वाली है, बदली छाई है
और
पंख-पसारे हुए मोर
नाचने लगे हैं अनायास”-
ऐसा कहने के बजाय
किसी ने कहा –
“अपने बादलों और मोर-पंखी
रंगों को उछाले वर्षा नाच रही है”
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पहली अभिव्यक्ति,
मन ने रची,
तो दूसरी-
दृदय से निकली
पहली में घटनाओं का क्रम है
तो दूसरी में अस्तित्व की एकात्मकता
...................................................... अरुण
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