आकाश और समय एक का एक

दृष्टि-क्षेत्र की व्यापकता पर

हमारी समझ निर्भर करती है

जो अस्तित्व को पूरा का पूरा

देख लेता है

उसकी समझ में

अस्तित्व एक का एक है

कहीं कोई भेद नही

इसी तरह जो समय सनातनत्व को

अपने जीवंत अवधान में समझ रहा हो

उसके लिए समय-भिन्नत्व का

कोई अस्तित्व नही

................................................ अरुण

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कल 17/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
विचारणीय प्रस्तुति

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