बह गए अध्यान में



आँखों के सामने कहानी की किताब,
हर एक पन्ने पर बनी आड़ी-खडी रेखाओंवाले काले धब्बे,
जिनपर ध्यान जाते ही चित्त में
कहानी बतलाती, चलती फिरती प्रतिमाओं से उभरी कहानी ढल गयी,
और फिर मन के रचे आशय विषय और
काल-भाव के प्रवाह में मन बह गया.
इसतरह उतरे तो ध्यान में थे
पर बह गए अध्यान में
-अरुण   

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