‘पहचान’



हांथ में ब्रश था
प्लेट में कई रंग,
रंगों में डुबा ब्रश  
कोरे कागज पर बरसते ही,   
कागज पर उभर आयी
छींटों,धब्बों और लकीरों
की बनी एक पहचान
अब हांथो से वही चित्र बनते हैं
जिन्हें यह पहचान बनाना चाहे   
-अरुण

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