सत्य, सत्य-स्पर्श एवं असत्य



जगत को अस्तित्वगत समर्पण
सत्य है,
जगत की अस्तित्वगत समझ
सत्य-स्पर्श है, और
जगत का वस्तु या विचारगत आकलन
असत्य है
-अरुण 

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