परदा यानि माया



परदा आँखों पर पसरा हो या
वास्तव को ढकता हो,
दोनों ही स्थितियों में वह हमें
माया में
(यानि सत्य का आभास पैदा करने वाला असत्य)
उलझाये रखता है.
इस परदे का वास्तव दिख जाते ही
आँखें और वास्तव दोनों ही साफ हो जाते हैं
-अरुण

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