प्रायः मन ही हमें चलाता है



प्रायः मन ही हमपर नियंत्रण करता है
अपनी इच्छाओं, भावनाओं
और प्रतिक्रियाओं के अनुसार ही
हमें प्रेरित करता है- सोचने, बर्तने, समस्याओं
और परिस्थितियों से निपटने के लिए.
कुछ ही अवसर ऐसे होते हैं जब
मन हमें नहीं, हम मन को
इस्तेमाल करते होते हैं
-अरुण  

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के