मनुष्य - आधा-अधुरा



न कुदरत से पूरीतरह
घुलमिल चुका है
न स्वतन्त्र सत्ता से
पूरीतरह जुड़ सका है
मनुष्य ऐसा ही
आधा-अधुरा है
-अरुण


Comments

संवेदनशील प्रस्तुति....!!

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

तीन पोस्टस्

लफ्जों की कश्तियों से.........