मेरा .. तेरा .. – कहने की बातें हैं
मेरा
वजूद, तेरा वजूद
ये
सब कहने की बातें हैं
वजूद
तो केवल अस्तित्व का है
जिसका
यह दिन है, रातें हैं
अस्तित्व
को स्वयं अस्तित्व का
जैसा
होता है एहसास
वही
एहसास हो जाए
यही
है साँसों को आस
-अरुण
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