जानकारी और समझ
गहन
शुद्ध समझ
जिसे
हम understanding कहते हैं,
अभिव्यक्ति
के परे है.
उसे
अभिव्यक्त करने की हर कोशिश
समझ
को गलत समझ में रूपांतरित
करने
की संभावना से जुडी होती है.
समझ
तो आत्मा (अंतस) में जागती है,
यह
आत्मोत्प्न्न समझ आत्मा को ही छूती है,
सुननेवाला
जब आत्म-स्थित होता है तभी वह
जागे
हुए के संवाद को समझ पाता है अन्यथा वह उस
संवाद
को इनफार्मेशन के तौर पर ही ग्रहण कर पाता है,
समझ
के रूप में नहीं,
जानकारी
मन और बुद्धि की सामग्री है
तो
समझ है आत्म-तत्व
-अरुण
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