मान्यताओं से मापदंड नहीं बनते

तुम जिसे  मानते हो
उसकी बातों को सत्य का दर्जा दे देते हो
जिसे गलत समझते हो
उसकी हर बात को झुठलाते हो
तुम्हारा मानना या न मानना ही तुम्हारा मापदंड है
सत्य ऐसे मापदंडों से कोसो दूर है
-अरुण

Comments

अच्छी रचना
बहुत सुंदर

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