खुद ही मर्ज. मरीज और इलाज भी
मन
में बड़ी भूमिका
निभानेवाला
अहंकार
उस
जापानी खिलौने (बबुआ)
जैसा
है जिसे कहीं से फेंको या मारो
वह
फिर अकड़कर जमीनपर सीधा का सीधा
खड़ा
हो जाता है
क्योंकि
अहंकार मर्ज है और
डाकटर
भी, अहंकार की पीड़ा
सहने
वाला मरीज भी
खुद
अहंकार ही है
-अरुण
Comments
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एक शाम संगम पर {नीति कथा -डॉ अजय }