रुबाई

रुबाई
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उगना है किसतरह सिखलाया ना गया
बहना है किसतरह बतलाया ना गया
क़ुदरत में बस इशारे नक्शों की क्या वजह
भीतर की रौशनी को झुठलाया ना गया
- अरुण

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