रुबाई

रुबाई
********
तमन्ना ही वो दुनिया है तमन्ना ही जहाँ चलती
तमन्ना अहमियत की होड में, बेसुध हुए चलती
तमन्ना ख़्वाहिशों की हर मुराद-ओ-ख़्वाबकी ताक़त
सही ताक़त वही जब जिंदगानी होश में चलती
- अरुण

Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

लफ्जों की कश्तियों से.........

तीन पोस्टस्