दो बातें

नवीनता
नयापन है दो तरह का
- एक वह, जो पुराना नही दिखता
और दूसरा वह -
जिसके आते पुराने का स्मरण ही न हो
......................
अनंत
दरवाजे, खिड़की और झरोखों से
आसमाँ देखने वाले
अनंत, असीम, अपार, जैसी संकल्पनों से
मन बहलातें हैं
----------------------- अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
बहुत गहरे!

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के