स्वर्ग, नरक, संसार

अस्तित्व की सकलता के प्रति
जो क्षण क्षण सजग है
वह स्वर्ग में है
जो अहम् में लीन है
नरक में है
जो अहम् और सकल के बीच
दौड़ रहा है , विचलित है, संभ्रमित है
वह संसार में है
हरेक व्यक्ति इन तीनो संभावनाओं के साथ जीता है
............................................ अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
बहुत सही!

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