परिभाषा की परिसीमा
परिभाषाएं कितनी भी सटीक क्यों न हों
हमेशा अधूरी हैं
कामचलाऊ हो सकती हैं
पर आशय के पूर्णत्व को छू नहीं सकती
ठीक वैसे ही
जैसे वस्तु की छाया वस्तु को
पकड़ नहीं सकती
परिभाषाएं कितनी भी सटीक क्यों न हों
हमेशा अधूरी हैं
कामचलाऊ हो सकती हैं
पर आशय के पूर्णत्व को छू नहीं सकती
ठीक वैसे ही
जैसे वस्तु की छाया वस्तु को
पकड़ नहीं सकती
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