संसार- एक कल्प-वास्तव
सांसारिकता के रंगमंच पर
स्वार्थ ही नायक है
जो इस संसार को
एक नाटक समझकर जी रहें है
वे मुक्त हैं
जिन्हें संसार एक वास्तविकता
जान पडता है वे सब स्वार्थ-जन्य
इस कल्प-वास्तव (Virtual Reality) से बंधे हैं
सांसारिकता के रंगमंच पर
स्वार्थ ही नायक है
जो इस संसार को
एक नाटक समझकर जी रहें है
वे मुक्त हैं
जिन्हें संसार एक वास्तविकता
जान पडता है वे सब स्वार्थ-जन्य
इस कल्प-वास्तव (Virtual Reality) से बंधे हैं
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