संस्कारित घोडा

मन के दरवाजे पर
उर्जा का बंधा घोडा,
विचलित है दौड़ने के लिए
अगर खोल दो उसे तो वह भागेगा
किसी कीले की ओर चढ़ाई के लिए
या किसी मंदिर के सामने झुकने के लिए,
किसी न किसी मकसद के लिये भागना
उसका संस्कार है,
उसने कभी जाना ही नही
भागना बादल की तरह
भागना हवा की तरह
.................................. अरुण

Comments

मन के दरवाजे पर
उर्जा का बंधा घोडा ...

अच्छी कल्पना है
M VERMA said…
किसी न किसी मकसद के लिये भागना
उसका संस्कार है,
सुन्दर बिम्ब और भाव
... बेहद प्रभावशाली

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