इधर से सुखकर तो उधर से दुखदायी
सुख की आकांक्षा में दुःख का भय है
दुःख की अनुभूति में सुख का चिंतन
एक ही अनुभूति -
इधर से सुखकर दिखे तो
उधर से दुखदायी
क्यों न ऐसी जगह से देखें
यह सारा तमाशा
जहाँ न हो कोई आशा और
न कोई निराशा
............................ अरुण
दुःख की अनुभूति में सुख का चिंतन
एक ही अनुभूति -
इधर से सुखकर दिखे तो
उधर से दुखदायी
क्यों न ऐसी जगह से देखें
यह सारा तमाशा
जहाँ न हो कोई आशा और
न कोई निराशा
............................ अरुण
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