परिचय है दृष्टि-दोष
परिचय का चश्मा पहन
देखत तू संसार
अब नवीनतम कुछ नही,
सब परिचय अनुसार
किसी वस्तु,
व्यक्ति या प्रसंग
को,
उसबाबत के परिचय से
मुक्त होकर
देखने से ही
नया दिख पाएगा,
परिचय में अटकी नजर
नया न दिखला पाएगी
-अरुण
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