‘विचार’



आध्यात्मिक अर्थ में
मनोचेतना को ‘विचार’ कहने का प्रचलन है
यहाँ ‘विचार’ शब्द भाषाई अर्थ में प्रयुक्त नहीं होता
यहाँ ‘विचार’ इस संकल्पना के भीतर
सभी क्रियाशील संभाषणात्मक, दृश्यात्मक, एवं
भावनात्मक मनो-प्रतिमाएं समाहित हैं
-अरुण    

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