द्विज यानी वह जो दूसरा (नया) जन्म लेता हो
माँ -बाप बच्चों को जन्म तो देते है
परन्तु अपनी ही (पुरानी)
संस्कृति, मान्यता, विश्वास, पक्ष-विपक्ष
विचार, दृष्टिकोण ......
हस्तांतरित कर अनजाने ही,
वे बच्चे को
नए जीवन (जन्म) से वंचित ही रखते हैं
माँ-बाप से पाया जन्म नया न बन पाया
क्योंकि बच्चा पुराने को ही जीता रहा
पुराने से, या यूँ कहें,
हस्तांतरित बोझ से जो
मुक्त हुआ उसी को द्विज कहा गया
द्विज यानी वह
जो दूसरा (नया) जन्म लेता हो
............................................. अरुण
परन्तु अपनी ही (पुरानी)
संस्कृति, मान्यता, विश्वास, पक्ष-विपक्ष
विचार, दृष्टिकोण ......
हस्तांतरित कर अनजाने ही,
वे बच्चे को
नए जीवन (जन्म) से वंचित ही रखते हैं
माँ-बाप से पाया जन्म नया न बन पाया
क्योंकि बच्चा पुराने को ही जीता रहा
पुराने से, या यूँ कहें,
हस्तांतरित बोझ से जो
मुक्त हुआ उसी को द्विज कहा गया
द्विज यानी वह
जो दूसरा (नया) जन्म लेता हो
............................................. अरुण
Comments
और यदि है तो मै, जिस मा-बाप का पुत्र हूं उन्हे मैने ही चुना होगा, अब मै अपने ही से गद्दारी कर द्विज क्यों बनू?