धीरे धीरे कुछ नही ...
धीरे धीरे कुछ नही
यहाँ अचानक जाग
या तो मन में चेतना
या तो नींद खराब
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शब्दों को नही अर्थ कछु
जो जोड़ा वह अर्थ
शब्द, भाव संकेतमय
ध्वनि केवल, सब व्यर्थ
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एक सकल को बूझता
मुख से कहता राम
राम राम श्रीराम
धीरे धीरे कुछ नही
यहाँ अचानक जाग
या तो मन में चेतना
या तो नींद खराब
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शब्दों को नही अर्थ कछु
जो जोड़ा वह अर्थ
शब्द, भाव संकेतमय
ध्वनि केवल, सब व्यर्थ
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एक सकल को बूझता
मुख से कहता राम
राम राम श्रीराम
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