धीरे धीरे कुछ नही ...

धीरे धीरे कुछ नही

यहाँ अचानक जाग

या तो मन में चेतना

या तो नींद खराब

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शब्दों को नही अर्थ कछु

जो जोड़ा वह अर्थ

शब्द, भाव संकेतमय

ध्वनि केवल, सब व्यर्थ

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एक सकल को बूझता

मुख से कहता राम

दुजा बैठ मंदिर जपे

राम राम श्रीराम

......................................... अरुण

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