अनेकता में एकता
अनेकता में एकता
इस नारे को भारत में बड़ा सन्मान है
परन्तु ऐसी एकता तभी
संभव है जब
सभी एक दूसरे को
समझते हुए
एक साथ रहते हों
एक दूसरे को अड़चन समझकर
एक साथ रहना
एकता नही ला पाता
............................... अरुण
अनेकता में एकता
इस नारे को भारत में बड़ा सन्मान है
परन्तु ऐसी एकता तभी
संभव है जब
सभी एक दूसरे को
समझते हुए
एक साथ रहते हों
एक दूसरे को अड़चन समझकर
एक साथ रहना
एकता नही ला पाता
............................... अरुण
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सृष्टी की रचना मे दो प्रमुख बाते ध्यान देने योग्य है।
१ अनन्तता और
२ उपयुक्तता
अगर भारत अपने विविधता का सन्मान नही करता तो वह धीरे धीरे नष्ट हो जायेगा। भारत सेवकों (सभी राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं, समाजसेवकों, (विविध कारणो के लिये)आन्दोलनकर्ताओं) को चाहिये कि वे अन्यान्यों को अपना सहयोगी माने और सहिष्णुता से सहकार्य करे। क्योंकि यही भारत के आत्मा की आवाज है।