भारत को वाद नही, निर्विवाद की जरूरत है
आजाद भारत को
जरूरत है सिर्फ -
राष्ट्र का हित चाहने वालों की
किसीपर भी अन्याय न हो यह सोचनेवालों की
पूरे भारत को भारत समझनेवालों की
सभी धर्म केवल ऊपरी चोलें हैं ऐसा
देखने समझनेवालों की
भेद हो सकतें है पर मनो में
भेदभाव न हों इस आशय से जीनेवालों की
अब आजाद भारत को मुक्ति चाहिए
सभी ‘वादी’ यों से
राष्ट्रवादियों से, साम्यवादीयों से,
अलगाववादियों से, धर्मवादियों से
बहुजन – अल्पजन वादियों से
सभी ‘वादी’ आंशिक सोच के शिकार हैं
हठ और जिद से बीमार है
.......................................... अरुण
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स्वंत्रता दिवस की बधाइयां और शुभकामनाएं
सादर
समीर लाल