न प्रारंभ और न अंत

अस्तित्व में किसी चीज का

न प्रारंभ है और न अंत

हर चीज अपना रूप बदलते हुए

प्रगट और फिर लुप्त होती है

................................... अरुण


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अगर आप वर्तमान मे फस गये हो तो आप को ऐसा ही लगेगा। कई महापुरुषों ने जिनमे ओशो, कृष्णमूर्ती, बुद्ध आदि भी शामिल है लोगो को अभी मे जीने के लिये सिखाया। परन्तु जो जो निर्मित है उसका आदि और अन्त जरुर है। मन की कल्पनाओं का आदि-अन्त नही होता, क्यो कि वे वास्तविक नही है।

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