मन है ....

मन है मालकी

मन है तुलना

मन है कुछ पाने और बनने को

तडपना

हर क्षण या हर पल का नयापन

खो देना और ढल जाना

किसी चुने विचार में

किसी चयन या विकल्प में

सभी सामन्यताओं को भुलाकर

कुछ विशेष बनने की ललक में

.......................................... अरुण

Comments

Anamikaghatak said…
bahut sundar rachana ...........badhai

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