चार तरह के लोग – चतुर, दुर्बल, विवेकी एवं जागे हुए

मन से ऊठे संघर्षों और विकारों से

निपटनेवाले लोग व्यवहार-चतुर माने जातें है

जो ठीक से निपट नहीं पाते उन्हें भावनिक एवं

दुर्बल समझा जाता है

कुछ लोग अपने विवेक के आधीन

शांत एवं स्थिर रहतें हैं

तो कुछ ही ऐसे बिरले मिलेंगे

जिनके मन से संघर्ष और विकार उठने से पहले ही

ओझल हो जाते हों

............................................... अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
बहुत बढ़िया.

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द