अँधेरा ढूँढ रहा है उजाला ......

सत्य कठिन है क्योंकि असत्य प्रिय है

असत्य प्रिय है क्योंकि सत्य कटु है

सत्य कटु है क्योंकि वह असत्य को काटता है

असत्य कट नही पाता क्योंकि

वह सत्य के सन्मुख ठहरता ही नही

असत्य पाना चाहता है सत्य को पर

बिना उसका सामना किए

मानो अँधेरा ढूँढ रहा हो उजाला

उससे बचकर, उससे भागकर

उससे डरकर

......................................... अरुण

Comments

Udan Tashtari said…
बहुत सही!

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