प्यासे को कतरा पानी भी ......

अगर खोज गहरी हो

तो एक ही चौपाई या दोहा

काफी है

सबकुछ समझाने के लिए,

नही तो,

सारा ग्रन्थ भी किसी काम का नही

तप्सील पे तप्सील की प्यासे को क्या गरज

प्यासे को कतरा पानी भी दरिया सा लग रहा.

......................................................... अरुण


Comments

Popular posts from this blog

तीन पोस्टस्

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

पाँच विचार