बेहोश-होश
नींद में गाड़ी चलाना जो उसे आता है
बिन टकराए रास्तों से गुजर जाता है
-बात ट्रक चालक की हो रही है
कई बार ऐसा होता है रात को जागकर
गाड़ी चलाते चलाते
भोर में अचानक झपकी
लग जाती है
इसी झपकी में ट्रक-चालक मीलों तक
बिना कहीं टकराए ट्रक को हांककर ले जाता है
ऐसी अर्ध-निद्रावस्था में भी शरीर बिना त्रुटि काम करता है
कहीं, इसी तरह के बेहोश-होश में तो
हम सब नही जी रहे ?
यानी Not living, just managing the life
पूर्ण होश ही जागरण है
सच्चे प्रकाश का आगमन है
.................................................. अरुण
Comments
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'