सब मुश्किल बन जाता
अच्छा है जो
मेरी सांसे
मेरे प्राण, मेरी धड़कने
मुझसे पुछ कर नही चलती
वरना विचारों के तल पर
मै जिस तरह फडफडा रहा हूँ
शरीर के तल पर भी
फडफडाता रहता
उठना बैठना चलना फिरना
सब मुश्किल बन जाता
.......................... अरुण
अच्छा है जो
मेरी सांसे
मेरे प्राण, मेरी धड़कने
मुझसे पुछ कर नही चलती
वरना विचारों के तल पर
मै जिस तरह फडफडा रहा हूँ
शरीर के तल पर भी
फडफडाता रहता
उठना बैठना चलना फिरना
सब मुश्किल बन जाता
.......................... अरुण
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