यात्रा नही केवल यातायात

जीवन की यात्रा अजीब है

यहाँ आदमी अपनी ही जगह खड़ा है

और रास्ता पीछे की तरफ ढल रहा है

आदमी को लगता है कि

उसने एक लंबी दूरी पार कर ली

हिसाब बताता है कि कदम अभी

वहीं के वहीँ खड़े है

यह यात्रा नही केवल

यातायात है

........................... अरुण

Comments

M VERMA said…
शायद छद्म प्रगति भी इसी श्रेणी में आता है

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