आज के दो शेर
जहाँ खिला है वहाँ खुश है जिंदगी पाकर
पिरोके माला में फूल, उसे मौत न दे
..............
अच्छा है, गर महलों को गरीबी में सादगी दिखती
और दिखते गरीबों को महलों के ख्वाब
................................................. अरुण
जहाँ खिला है वहाँ खुश है जिंदगी पाकर
पिरोके माला में फूल, उसे मौत न दे
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अच्छा है, गर महलों को गरीबी में सादगी दिखती
और दिखते गरीबों को महलों के ख्वाब
................................................. अरुण
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