आज का तीसरा शेर

अँधेरा–ओ-उजाला, बेखुदी-ओ-होशियारी

लफ्ज दोनों साथ, न ताल्लुक बीच में

................................................. अरुण

Comments

Popular posts from this blog

तीन पोस्टस्

पाँच विचार

लहरें समन्दर की, लहरें मन की