लिखा हुआ मिटता नही



मन तो ऐसी स्लेट है लिख लिख लिखती जाय
लिखा मिटा ना जा सके, लिखा भुलाती जाय
-अरुण  

मन एक ऐसी अजीब स्लेट है
जिसपर पल पल के अनुभव लिख्खे जाते हैं
पर मिटाए नही जाते,
अनुभवों को मिटाने का मतलब है
उन्हें अचेतन की दिशा में धकेलकर भुला देना,
परन्तु नए अनुभवों की लिखाई
अचेतन को भी कुर्रेती रहती है और
इसीकारण विचारों की
स्पष्टता और वस्तुनिष्ठता
की चुनौती मनुष्य के जीवन में
हमेशा बनी रहती है, इसी कारण
प्रायः मनुष्य कई गलत या अंध-समझों और
सम्भ्रमों का शिकार होता है  
-अरुण
  
 

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