सज्जनता फलती सहज.....
सज्जनता फलती सहज पूर्ण
ध्यान के साथ
सज्जनता कौशल नही
जिसका हो अभ्यास
सतत ध्यान या निगरानी
अपने आप में पूर्ण
कृति है.
अपने भाव-विचार-आचरण
की
प्रक्रिया पर
अगर पूर्ण ध्यान बना
रहे तो
सदाचरण ही घटेगा.
अपने को दुरुस्त करने,
दुराचरण पर नियंत्रण
रखने या
सदाचरण की प्रैक्टिस
या अभ्यास की
कोई जरूरत नही
-अरुण
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