नम्रता है अतुलनीय



हर गुण की हम दौड़ में,  पा सकते हैं जीत
जो न किसी भी दौड़ में, वह गुणी होत विनीत
-अरुण

आपसी स्पर्धा या प्रतियोगिता के
अनेक विषय हो सकते हैं,
अनेक गुणों को सामने रखकर
उनमें सर्वश्रेष्ठ कौन
इस बात की परीक्षा की जा सकती है
परन्तु नम्रता या विनय,
एक ऐसा गुण है
जिसका मूल्यमापन करना भूल होगी
-अरुण   

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