सत्य नही पर सत्य-सूचक
कला शब्द को
परिभाषित करनेवाले
कहते हैं
कला एक ऐसा झूठ है जो
सत्य को अभिव्यक्त करता है
यही बात सारे पुराणों पे भी लागू
होती है
पुराणों में कही गई कहानियाँ
सत्य को समझानेवाले दृष्टांतों
जैसी हैं
सत्य नही,
सत्य-सूचक होतीं हैं
........................................... अरुण
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