शब्दों की राजनीति
दो भिन्न व्यक्ति ‘राम’ शब्द
का उच्चार करतें है
उच्चार समान होते हुए भी
जरूरी नही कि उसका आशय एक ही हो
एक के राम में पूरा अखंड, असीम विश्वरूप है तो
दूसरे का ‘राम’ दशरथ-पुत्र राम की
बात करता है
शब्दों को लेकर बहस छेड़ना आसान है
राजनीतिज्ञों को ऐसी बहसें अच्छी लगती हैं
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