नही मुमकिन भुला देना


तुम्हारा प्यार सच्चा था नही मुमकिन भुला देना के
जिसकी हो चुकी हो तुम उसे भी प्यार वो देना

जरुरी ये नही हर ख्वाब सच्चा हो ही जाता है
तमन्ना का उजाला हर किसी आंगन में होता है
लकीरें याद की जो बन चुकी हैं सब मिटा देना
तुम्हारा प्यार सच्चा था नही ...............

नही कुछ प्यार से शिकवा ये झूठी जिंदगानी है
हमारे भावना की ये महज कोरी कहानी है
नये सपनों के मेलों में नये ही गीत अब गाना
तुम्हारा प्यार सच्चा था नही ...............

-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द