ये काटा चुबता जाएगा
माना कि तुमने पायी है फूलों के सेजों कि दुनिया
साथी भी ऐसा पाया जो क़दमों पे रखेगा खुशियाँ
पर जब भी आँखें मिचोगी
ये प्यार नजर ही आएगा
जब जब फूलों से खेलोगी
ये काटा चुबता जाएगा
तुम लाख, चमकते बादल पे
बीते की याद भुला दोगी
पर उसी चमकते बादल से
ये गम हमेशा झांकेगा
तुम नयी सुनहली माटी में
वो चाह पुरानी रौन्दोगी
पर उसी फूटती माटी में
तेरा पैर फिसलता जाएगा
घायल बाँहों में जब तेरी
एक बाँह नयी ही आएगी
घायल बाँहों का घाव मगर
वो वही पुराना रोयेगा
माना कि तुमने पायी है फूलों के सेजों कि दुनिया
साथी भी ऐसा पाया जो क़दमों पे रखेगा खुशियाँ
-अरुण
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