एक युगल गीत
आओ मिलकर चांदनी में हसते गाते जाएँ
मंजिल की सूनी राहों पर, सपने-फूल सजाएँ
देखो ये चांदनी, चंदा के नज़रों में खो गई
देखो ये चांदनी, चंदा का दिल भी तो ले गई
नर्मसी हवाओं पर, ये प्यार झूल जाए
प्यार के समन्दर की हर लहर मुस्कुराए
पूछो क्यों प्यार के, आसमाँ का पंछी तू हो गया
पूछो क्यों खुद को, फूल चमन का मेरे बन गया
शर्म की घटाओं से ये हुस्न भींग जाए
आसमाँ के तारों से हम तुझको ढूंढ लाए
आओ मिलकर चांदनी में हसते गाते जाएँ
मंजिल की सूनी राहों पर, सपने-फूल सजाएँ
-अरुण
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